धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग -घंटीधारी ऊंट*

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*आज का राशिफल*
*11 अक्टूबर 2023 , बुधवार*

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका दिन व्यस्त रहेगा । व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। बेवजह बेचैनी रह सकती है लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे बेचैनी हो। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्‍थ्य प्रभावित होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। रुके कार्यों में गति आएगी। प्रसन्नता रहेगी। जोखिम न उठाएं। आनन्द से दिनचर्या व्यतीत करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आय होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। जल्दबाजी किसी समस्या का हल नहीं है इसलिए न करें। दूर से कोई समाचार मिल सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें ताकि बेवजह कहासुनी न हो। थकान व कमजोरी रह सकती है आराम करे़ं। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। नौकरी में दिनचर्या व्यस्त रह सकती है । आध्यात्मिक ज्ञान की तरफ रूची बनेगी। स्वास्थ्य लाभ होगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें। नौकरी में शांति रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग रहेगा। कार्य समय पर पूर्ण होंगे। स्वास्थ्य सही रहेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
व्यवसाय ठीक चलेगा। धन लाभ के योग है । पुराना रोग उभर सकता है। दूर से कोई समाचार मिल सकता है। व्यर्थ की भागदौड़ से बचें । किसी व्यक्ति के व्यवहार से अप्रसन्नता मत आने दें। अपेक्षित कार्य विलंब से होंगे। प्रयास अधिक करना पड़ सकता है। किसी व्यक्ति विशेष की नाराजगी न करें। मनोरंजन के योग हैं।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। आय में वृद्धि होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेगे। जल्दबाजी से बचें खासकर लेन-देन में जल्दबाजी न करें। कोई समस्या खड़ी हो सकती है। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। प्रमाद न करें। स्वास्थ्य लाभ होगा ।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। धनहानि से बचें व सावधानी रखें। किसी व्यक्ति के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। शत्रु शांत रहेंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग करने से बचें। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्‍थ्य की चिंता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। किसी भी व्यक्ति की चिकनी बातों में न आएं। महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें, लाभ होगा ।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश मनोनुकूल लाभ देगा। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे लेकिन हानी नहीं पहुंचा पाएंगे। शारीरिक कष्‍ट से बचें । दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप कम ही करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
धन प्राप्ति सुगम तरीके से होगी। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने में रुझान रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा। कष्ट, तनाव व चिंता का वातावरण बन सकता है। शत्रु पस्त होंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी साधु-संत का आशीवार्द मिल सकता है। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेंगे। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। प्रमाद न करें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज आपका समय मिला जुला रहेगा । घर में अतिथियों का आगमन होगा और धन व्यय भी होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में संतोष रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। विवाद से क्लेश से बचें । पुराना रोग उभर सकता है। परिवार की चिंता रहेगी। जल्दबाजी न करें।

🔅 *_कृपया ध्यान दें👉_*
यद्यपि शुद्ध राशिफल की पूरी कोशिश रही है फिर भी इन राशिफलों में और आपकी कुंडली व राशि के ग्रहों के आधार पर आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में कुछ अन्तर हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप किसी ज्योतिषी से अवश्य सम्पर्क करें। किसी भी भिन्नता के लिए हम उत्तरदायी नहीं हैं।

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*!! घंटीधारी ऊंट !!*

*एक बार की बात है कि एक गांव में एक जुलाहा रहता था। वह बहुत गरीब था। उसकी शादी बचपन में ही हो गई थी। बीवी आने के बाद घर का खर्चा बढ़ना था। यही चिन्ता उसे खाए जाती। फिर गांव में अकाल भी पड़ा। लोग कंगाल हो गए।*

जुलाहे की आय एकदम खत्म हो गई। उसके पास शहर जाने के सिवा और कोई चारा न रहा। शहर में उसने कुछ महीने छोटे-मोटे काम किए। थोड़ा-सा पैसा अंटी में आ गया और गांव से खबर आने पर कि अकाल समाप्त हो गया है, वह गांव की ओर चल पड़ा।

*रास्ते में उसे एक जगह सड़क किनारे एक ऊंटनी नजर आई। ऊंटनी बीमार नजर आ रही थी और वह गर्भवती थी। उसे ऊंटनी पर दया आ गई। वह उसे अपने साथ अपने घर ले आया।*

घर में ऊंटनी को ठीक चारा व घास मिलने लगी तो वह पूरी तरह स्वस्थ हो गई और समय आने पर उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। बच्चा उसके लिए बहुत भाग्यशाली साबित हुआ।

*कुछ दिनों बाद ही एक कलाकार गांव के जीवन पर चित्र बनाने उसी गांव में आया। पेंटिंग के ब्रुश बनाने के लिए वह जुलाहे के घर आकर ऊंट के बच्चे की दुम के बाल ले जाता। लगभग दो सप्ताह गांव में रहने के बाद चित्र बनाकर कलाकार चला गया।*

इधर ऊंटनी खूब दूध देने लगी तो जुलाहा उसे बेचने लगा। एक दिन वही कलाकार गांव लौटा और जुलाहे को काफी सारे पैसे दे गया, क्योंकि कलाकार ने उन चित्रों से बहुत पुरस्कार जीते थे और उसके चित्र अच्छी कीमतों में बिके थे।

*जुलाहा उस ऊंट बच्चे को अपने भाग्य का सितारा मानने लगा। कलाकार से मिली राशि के कुछ पैसों से उसने ऊंट के गले के लिए सुंदर-सी घंटी खरीदी और पहना दी। इस प्रकार जुलाहे के दिन फिर गए। वह अपनी दुल्हन को भी एक दिन गौना करके ले आया।*

ऊंटों के जीवन में आने से जुलाहे के जीवन में जो सुख आया, उससे जुलाहे के दिल में इच्छा हुई कि जुलाहे का धंधा छोड़ क्यों न वह ऊंटों का व्यापारी ही बन जाए। उसकी पत्नी भी उससे पूरी तरह सहमत हुई। अब तक वह भी गर्भवती हो गई थी और अपने सुख के लिए ऊंटनी व ऊंट बच्चे की आभारी थी।

*जुलाहे ने कुछ ऊंट खरीद लिए। उसका ऊंटों का व्यापार चल निकला। अब उस जुलाहे के पास ऊंटों की एक बड़ी टोली हर समय रहती। उन्हें चरने के लिए दिन को छोड़ दिया जाता। ऊंट बच्चा जो अब जवान हो चुका था उनके साथ घंटी बजाता जाता।*

एक दिन घंटीधारी की तरह ही के एक युवा ऊंट ने उससे कहा, भैया! तुम हमसे दूर-दूर क्यों रहते हो?

*घंटीधारी गर्व से बोला ‘वाह तुम एक साधारण ऊंट हो। मैं घंटीधारी मालिक का दुलारा हूं। मैं अपने से ओछे ऊंटों में शामिल होकर अपना मान नहीं खोना चाहता।’*

उसी क्षेत्र में वन में एक शेर रहता था। शेर एक ऊंचे पत्थर पर चढकर ऊंटों को देखता रहता था। उसे एक ऊंट और ऊंटों से अलग-थलग रहता नजर आया।

*जब शेर किसी जानवर के झुंड पर आक्रमण करता है तो किसी अलग-थलग पड़े को ही चुनता है। घंटीधारी की आवाज के कारण यह काम भी सरल हो गया था। बिना आंखों देखे वह घंटी की आवाज पर घात लगा सकता था।

दूसरे दिन जब ऊंटों का दल चरकर लौट रहा था तब घंटीधारी बाकी ऊंटों से बीस कदम पीछे चल रहा था। शेर तो घात लगाए बैठा ही था। घंटी की आवाज को निशाना बनाकर वह दौड़ा और उसे मारकर जंगल में खींच ले गया। ऐसे घंटीधारी के अहंकार ने उसके जीवन की घंटी बजा दी।

*सीख~जो स्वयं को ही सबसे श्रेष्ठ समझता है, उसका अहंकार शीघ्र ही उसे ले डूबता है।

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