धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- बगुला भगत*

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*आज का राशिफल*
*14 अक्टूबर 2023 , शनिवार*

मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज आपका दिन बढिया रहेगा । आप सभी कार्यों को बेहतरीन तरीके से पूरा करने में सक्षम रहेंगे। आप की दबी हुई कोई प्रतिभा या बात लोगों के समक्ष उजागर होगी। जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा तथा मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी। मन मुटाव का अन्त होगा। घर की सुख-सुविधा संबंधी वस्तुओं की खरीदारी या आवश्यक पकवान में परिवार के साथ समय व्यतीत होगा। स्वास्थ्य सुधार होगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
आज दिनचर्या की गतिविधियों से हटकर किसी विशेष बात को गहराई से जानने के लिए समय व्यतीत करेंगे तथा अध्यात्म से जुड़े विषयों में विशेष रूचि रहेगी। अगर पैतृक संबंधी कोई मामला रुका हुआ है, तो आज किसी की मध्यस्थता से हल हो सकता है। मनोरंजन और मौज मस्ती के लिए समय निकाल पाएंगे। बाहर खाना खाने से बचें।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपका समय आपके साथ है। किसी को उधार दिया हुआ या रुका हुआ पैसा मिलने की संभावना है, इसलिए उसे वसूल करने में अपना विशेष रुप से ध्यान केंद्रित रखें। आज रिश्तेदारों अथवा पड़ोसियों के साथ किसी गंभीर विषय पर चर्चा हो सकती हैं। इस चर्चा में आपके द्वारा रखा गया मजबूत पक्ष आपके मान-सम्मान में वृद्धि करेगा। प्रतिभा को सम्मान मिलेगा। स्वास्थ्य सही रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपका समय मिलाजुला रहेगा । व्यस्तता व थकान हो सकती है ।कार्यक्षेत्र में काम की अधिकता रहेगी। परंतु जल्दबाजी की बजाय गंभीरता व सावधानी पूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है। अपने कर्मचारियों के साथ संबंध खराब ना होने दें अन्यथा काम की गति धीमी हो सकती हैं। नौकरी पेशा व्यक्तियों को भी अपने काम को पूरी लगन से करने की जरूरत है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पानी पीने में कंजूसी न बरतें।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज आपकी ऊर्जा आपको औरों से बेहतर बनने में पूर्ण मदद करेगी। पारिवारिक लोगों की जरूरतों को पूरा करने तथा शॉपिंग वगैराह करने में समय व्यतीत होगा। आज रोजमर्रा की व्यस्ततम दिनचर्या में से कुछ समय सुकून और मौज मस्ती के लिए भी निकालेंगे। घर में रिश्तेदारों का भी आगमन होगा। मन शान्त रखने की कोशिश करना आसान होगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आप मेहनतकश रहेंगे व पूरा लाभ भी मिलेगा। दोपहर बाद लाभदायक स्थितियां बन रही है, इसलिए दिन की शुरुआत में ही अपने महत्वपूर्ण काम पूरे करने संबंधी रूपरेखा बना लें। रियल एस्टेट से जुड़े लोगों की आज फायदेमंद डील हो सकती हैं। ऑफिस में अपने सहयोगियों के साथ किसी विशेष कार्य को लेकर विचार-विमर्श होगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन राहतभरा होगा व मानसिक शांति रहेगी । कहीं से मन मुताबिक पेमेंट आ जाने से राहत मिलेगी और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। धार्मिक संस्थाओं के सेवा संबंधी कार्यों में आपका विशेष योगदान रहेगा। सामाजिक दायरा बढ़ेगा और कई प्रकार की गतिविधियों में भी व्यस्तता बनी रहेगी। बेहतरीन स्वास्थ्य के लिए बाहर व धूप में घूमने से परहेज करें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज व्यापार फलदायक होगा । व्यस्त रहने से समय का सदुपयोग होगा । आयात निर्यात संबंधी व्यवसाय में विशेष अनुबंध प्राप्त होंगे। किसी भी प्रकार का व्यवसायिक कर्जा ना लें, नहीं तो आप किसी मुसीबत में पड़ सकते हैं। सरकारी नौकरी में वर्तमान परिस्थितियों की वजह से अधिक कार्यभार रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान अवश्य रखना है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज आप मानसिक दृष्टि से विशेष राहत महसूस करेंगे । पिछले कुछ समय से चल रही किसी समस्या का निवारण होने से आप स्वयं को तनाव मुक्त महसूस करेंगे। नजदीकी रिश्तेदारों तथा मित्रों के साथ सुखद समय व्यतीत होगा। और उनके साथ किसी विशेष मुद्दे पर विचार विमर्श भी होगा। तबीयत शरीरानुकूल रहेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज आप आराम की तलाश कर सकते हैं । व्यापार में भी कार्यभार की बहुत अधिकता रहेगी। और अधिक मेहनत तथा परिणाम सामान्य ही हासिल होंगे। अभी ज्यादा मुनाफे की उम्मीद ना रखें। नौकरीपेशा व्यक्तियों को अपना काम समय पर पूरा ना होने की वजह से उच्च अधिकारियों की नाराजगी सहनी पड़ सकती हैं। इसलिए अधूरे कार्य अवश्य पूर्ण कर लें। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज आप गौरान्वित महसूस करेंगे। आपके सकारात्मक तथा सहयोगात्मक व्यवहार की वजह से परिवार तथा समाज में विशेष मान-सम्मान प्राप्त होगा। अगर कोई विवादित भूमि संबंधी परेशानी चल रही है, तो आज उसे किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह से हल करने की कोशिश करें, अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी। तबीयत सम्बन्धित बात को नजरअंदाज न करें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज भाग्य आपके और भी साथ है इसलिए आज आपको नए व्यवसायिक अनुबंध मिलने की पूरी संभावना है। अपना अधिक समय मार्केटिंग तथा प्रोडक्ट की क्वालिटी को बढ़ाने में लगाएं। नौकरी पेशा व्यक्तियों के अपने बॉस व उच्चाधिकारियों के साथ संबंध मजबूत बनेंगे। मन प्रसन्न रहेगा। स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ होगा।

🔅 *_कृपया ध्यान दें👉_*
यद्यपि शुद्ध राशिफल की पूरी कोशिश रही है फिर भी इन राशिफलों में और आपकी कुंडली व राशि के ग्रहों के आधार पर आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में कुछ अन्तर हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप किसी ज्योतिषी से अवश्य सम्पर्क करें। किसी भी भिन्नता के लिए हम उत्तरदायी नहीं हैं।

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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*

*!! बगुला भगत !!*
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एक वन प्रदेश में एक बहुत बडा तालाब था। हर प्रकार के जीवों के लिए उसमें भोजन सामग्री होने के कारण वहां नाना प्रकार के जीव, पक्षी, मछलियां, कछुए और केकडे आदि वास करते थे।

पास में ही बगुला रहता था, जिसे परिश्रम करना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था। उसकी आंखें भी कुछ कमज़ोर थीं। मछलियां पकडने के लिए तो मेहनत करनी पडती हैं, जो उसे खलती थी। इसलिए आलस्य के मारे वह प्रायः भूखा ही रहता।

एक टांग पर खडा यही सोचता रहता कि क्या उपाय किया जाए कि बिना हाथ-पैर हिलाए रोज भोजन मिले। एक दिन उसे एक उपाय सूझा तो वह उसे आजमाने बैठ गया।

बगुला तालाब के किनारे खडा हो गया और लगा आंखों से आंसू बहाने। एक केकडे ने उसे आंसू बहाते देखा तो वह उसके निकट आया और पूछने लगा ‘मामा, क्या बात है भोजन के लिए मछलियों का शिकार करने की बजाय खडे आंसू बहा रहे हो?’

बगुले ने ज़ोर की हिचकी ली और भर्राए गले से बोला
‘बेटे, बहुत कर लिया मछलियों का शिकार। अब मैं यह पाप कार्य और नहीं करुंगा। मेरी आत्मा जाग उठी हैं। इसलिए मैं निकट आई मछलियों को भी नहीं पकड रहा हूं। तुम तो देख ही रहे हो।’

केकडा बोला ‘मामा, शिकार नहीं करोगे, कुछ खाओगे नहीं तो मर नहीं जाओगे?’

बगुले ने एक और हिचकी ली ‘ऐसे जीवन का नष्ट होना ही अच्छा है बेटे, वैसे भी हम सबको जल्दी मरना ही है। मुझे ज्ञात हुआ है कि शीघ्र ही यहां बारह वर्ष लंबा सूखा पडेगा।’

बगुले ने केकडे को बताया कि यह बात उसे एक त्रिकालदर्शी महात्मा ने बताई हैं, जिसकी भविष्यवाणी कभी ग़लत नहीं होती। केकडे ने जाकर सबको बताया कि कैसे बगुले ने बलिदान व भक्ति का मार्ग अपना लिया हैं और सूखा पडने वाला हैं।

उस तालाब के सारे जीव मछलियां, कछुए, केकडे, बत्तखें व सारस आदि दौडे-दौडे बगुले के पास आए और बोले ‘भगत मामा, अब तुम ही हमें कोई बचाव का रास्ता बताओ। अपनी अक्ल लडाओ तुम तो महाज्ञानी बन ही गए हो।’

बगुले ने कुछ सोचकर बताया कि वहां से कुछ कोस दूर एक जलाशय हैं जिसमें पहाडी झरना बहकर गिरता हैं। वह कभी नहीं सूखता। यदि जलाशय के सब जीव वहां चले जाएं तो बचाव हो सकता हैं। अब समस्या यह थी कि वहां तक जाया कैसे जाएं? बगुले भगत ने यह समस्या भी सुलझा दी ‘मैं तुम्हें एक-एक करके अपनी पीठ पर बिठाकर वहां तक पहुंचाऊंगा क्योंकि अब मेरा सारा शेष जीवन दूसरों की सेवा करने में गुजरेगा।’

सभी जीवों ने गद्-गद् होकर ‘बगुला भगतजी की जै’ के नारे लगाए।

अब बगुला भगत के पौ-बारह हो गई। वह रोज एक जीव को अपनी पीठ पर बिठाकर ले जाता और कुछ दूर ले जाकर एक चट्टान के पास जाकर उसे उस पर पटककर मार डालता और खा जाता। कभी मूड हुआ तो भगतजी दो फेरे भी लगाते और दो जीवों को चट कर जाते तालाब में जानवरों की संख्या घटने लगी। चट्टान के पास मरे जीवों की हड्डियों का ढेर बढने लगा और भगतजी की सेहत बनने लगी। खा-खाकर वह खूब मोटे हो गए। मुख पर लाली आ गई और पंख चर्बी के तेज से चमकने लगे। उन्हें देखकर दूसरे जीव कहते ‘देखो, दूसरों की सेवा का फल और पुण्य भगतजी के शरीर को लग रहा है।’

बगुला भगत मन ही मन खूब हंसता। वह सोचता कि देखो दुनिया में कैसे-कैसे मूर्ख जीव भरे पडे हैं, जो सबका विश्वास कर लेते हैं। ऐसे मूर्खों की दुनिया में थोडी चालाकी से काम लिया जाए तो मजे ही मजे हैं। बिना हाथ-पैर हिलाए खूब दावत उडाई जा सकती है संसार से मूर्ख प्राणी कम करने का मौक़ा मिलता है बैठे-बिठाए पेट भरने का जुगाड हो जाए तो सोचने का बहुत समय मिल जाता हैं।

बहुत दिन यही क्रम चला। एक दिन केकडे ने बगुले से कहा ‘मामा, तुमने इतने सारे जानवर यहां से वहां पहुंचा दिए, लेकिन मेरी बारी अभी तक नहीं आई।’
भगतजी बोले ‘बेटा, आज तेरा ही नंबर लगाते हैं, आजा मेरी पीठ पर बैठ जा।’

केकडा खुश होकर बगुले की पीठ पर बैठ गया। जब वह चट्टान के निकट पहुंचा तो वहां हड्डियों का पहाड देखकर केकडे का माथा ठनका। वह हकलाया ‘यह हड्डियों का ढेर कैसा है? वह जलाशय कितनी दूर है, मामा?’

बगुला भगत ठां-ठां करके खूब हंसा और बोला ‘मूर्ख, वहां कोई जलाशय नहीं है। मैं एक- एक को पीठ पर बिठाकर यहां लाकर खाता रहता हूं। आज तू मरेगा।’

केकडा सारी बात समझ गया। वह सिहर उठा परन्तु उसने हिम्मत न हारी और तुरंत अपने जंबूर जैसे पंजों को आगे बढाकर उनसे दुष्ट बगुले की गर्दन दबा दी और तब तक दबाए रखी, जब तक उसके प्राण पखेरु न उड गए।

फिर केकडा बगुले भगत का कटा सिर लेकर तालाब पर लौटा और सारे जीवों को सच्चाई बता दी कि कैसे दुष्ट बगुला भगत उन्हें धोखा देता रहा।

*शिक्षा :-*
1. दूसरों की बातों पर आंखें मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए, वास्तविक परिस्थिति के बारे में पहले पता लगा लेना चाहिए, हो सकता है सामने वाला मनगढंत कहानियाँ बना रहा हो और आपको लुभाने की कोशिश कर रहा हो।

2. कठिन से कठिन परिस्थिति और मुसीबत के समय में भी अपना आपा नहीं खोना चाहिए और धीरज व बुद्धिमानी से कार्य करना चाहिए।

*सदैव प्रसन्न रहिये – जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है – उसके पास समस्त है।।*
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