धर्म-कर्मराशिफल

*आज आपका राशिफल एवं प्रेरक प्रसंग- एक ही घड़ी मुहूर्त में जन्म लेने पर भी सबके कर्म और भाग्य अलग अलग क्यों ?*

*आज का पञ्चांग* *दिनाँक:-06/03/2024, बुधवार* *एकादशी, कृष्ण पक्ष,* *फाल्गुन* (समाप्ति काल) तिथि——– एकादशी 28:13:15 तक पक्ष———————— कृष्ण नक्षत्र——– पूर्वाषाढा 14:51:01 योग———- व्यतिपत 11:31:53 करण————– बव 17:26:55 करण———– बालव 28:13:15 वार———————— बुधवार माह———————–फाल्गुन चन्द्र राशि——— धनु 20:27:21 चन्द्र राशि—————– मकर सूर्य राशि—————— कुम्भ रितु———————— वसंत आयन—————— उत्तरायण संवत्सर—————— शोभकृत संवत्सर (उत्तर)—————– पिंगल विक्रम संवत—————- 2080 गुजराती संवत—————2080 शक संवत—————– 1945 कलि संवत—————– 5124 सूर्योदय————— 06:39:25 सूर्यास्त————— 18:21:36 दिन काल————- 11:42:11 रात्री काल————- 12:16:45 चंद्रास्त—————- 13:50:10 चंद्रोदय—————- 28:24:53 लग्न—- कुम्भ 21°45′ , 321°45′ सूर्य नक्षत्र———— पूर्वा भाद्रपदा चन्द्र नक्षत्र—————-पूर्वाषाढा नक्षत्र पाया——————- ताम्र *🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩* फा—- पूर्वाषाढा 09:12:06 ढा—- पूर्वाषाढा 14:51:01 भे—- उत्तराषाढा 20:27:21 भो—- उत्तराषाढा 26:01:14 *💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮* ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद ========================== सूर्य= कुम्भ 21:10, पूoभाo 1 से चन्द्र=धनु 21:30 , पू o षाo 3 फा बुध =कुम्भ 27:53′ पू oभा o 3 दा शु क्र= मकर 27°05, धनिष्ठा ‘ 2 सो मंगल=मकर 22°30 ‘ श्रवण’ 4 खो गुरु=मेष 17°30 भरणी , 2 लू शनि=कुम्भ 16°50 ‘ शतभिषा ,3 सी राहू=(व) मीन 23°20 रेवती , 3 च केतु=(व) कन्या 23°20 चित्रा , 1 पे *🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮* राहू काल 12:31 – 13:58 अशुभ यम घंटा 08:07 – 09:35 अशुभ गुली काल 11:03 – 12: 31अशुभ अभिजित 12:07 – 12:54 अशुभ दूर मुहूर्त 12:07 – 12:54 अशुभ वर्ज्यम 22:19 – 23:48 अशुभ 💮चोघडिया, दिन लाभ 06:39 – 08:07 शुभ अमृत 08:07 – 09:35 शुभ काल 09:35 – 11:03 अशुभ शुभ 11:03 – 12:31 शुभ रोग 12:31 – 13:58 अशुभ उद्वेग 13:58 – 15:26 अशुभ चर 15:26 – 16:54 शुभ लाभ 16:54 – 18:22 शुभ 🚩चोघडिया, रात उद्वेग 18:22 – 19:54 अशुभ शुभ 19:54 – 21:26 शुभ अमृत 21:26 – 22:58 शुभ चर 22:58 – 24:30* शुभ रोग 24:30* – 26:02* अशुभ काल 26:02* – 27:34* अशुभ लाभ 27:34* – 29:06* शुभ उद्वेग 29:06* – 30:38* अशुभ 💮होरा, दिन बुध 06:39 – 07:38 चन्द्र 07:38 – 08:36 शनि 08:36 – 09:35 बृहस्पति 09:35 – 10:33 मंगल 10:33 – 11:32 सूर्य 11:32 – 12:31 शुक्र 12:31 – 13:29 बुध 13:29 – 14:28 चन्द्र 14:28 – 15:26 शनि 15:26 – 16:25 बृहस्पति 16:25 – 17:23 मंगल 17:23 – 18:22 🚩होरा, रात सूर्य 18:22 – 19:23 शुक्र 19:23 – 20:24 बुध 20:24 – 21:26 चन्द्र 21:26 – 22:27 शनि 22:27 – 23:29 बृहस्पति 23:29 – 24:30 मंगल 24:30* – 25:31 सूर्य 25:31* – 26:33 शुक्र 26:33* – 27:34 बुध 27:34* – 28:36 चन्द्र 28:36* – 29:37 शनि 29:37* – 30:38 *🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩* कुम्भ > 04:36 से 06:12 तक मीन > 06:12 से 07:32 तक मेष > 07: 32 से 09:24 तक वृषभ > 09:24 से 11:18 तक मिथुन > 11:18 से 13:30 तक कर्क > 13:30 से 15:54 तक सिंह > 15:54 से 18:02 तक कन्या > 18:02 से 20:18 तक तुला > 20:18 से 22:14 तक वृश्चिक > 22:14 से 00:34 तक धनु > 00:34 से 02:44 तक मकर > 02:44 से 04:30 तक *🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार* (लगभग-वास्तविक समय के समीप) दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट *नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार । शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥ रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार । अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥ अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें । उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें । शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें । लाभ में व्यापार करें । रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें । काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है । अमृत में सभी शुभ कार्य करें । *💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर* परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पिस्ता अथवा पान खाके यात्रा कर सकते है l इस मंत्र का उच्चारण करें-: *शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l* *भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll* *🚩 अग्नि वास ज्ञान -:* *यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,* *चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।* *दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,* *नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्* *नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।* 15 + 11 + 4 + 1 = 31 ÷ 4 = 3 शेष पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l *🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩* सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है राहु ग्रह मुखहुति *💮 शिव वास एवं फल -:* 26 + 26 + 5 = 57 ÷ 7 = 1 शेष कैलाश वास = शुभ कारक *🚩भद्रा वास एवं फल -:* *स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।* *मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।* *💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮* *विजया एकादशी व्रत* *💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮* लुब्धानां याचकः शत्रुमूर्खाणां बोधको रिपुः । जारस्त्रीणां पतिः शत्रुश्चौराणां चन्द्रमा रिपुः ।। ।। चा o नी o।। भिखारी यह कंजूस आदमी का दुश्मन है. एक अच्छा सलाहकार एक मुर्ख आदमी का शत्रु है. वह पत्नी जो पर पुरुष में रूचि रखती है, उसके लिए उसका पति ही उसका शत्रु है. जो चोर रात को काम करने निकलता है, चन्द्रमा ही उसका शत्रु है. *🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩* गीता -: ज्ञानकर्मसन्यास योग अo-04 इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम्‌ ।, विवस्वान्मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत्‌ ॥, श्री भगवान बोले- मैंने इस अविनाशी योग को सूर्य से कहा था, सूर्य ने अपने पुत्र वैवस्वत मनु से कहा और मनु ने अपने पुत्र राजा इक्ष्वाकु से कहा॥,1॥, *💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮* देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके। नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।। विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे। जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। नए विचार दिमाग में आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।

🐂वृष कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। दूसरे आपसे अधिक की अपेक्षा करेंगे व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। पुराना रोग उभर सकता है।

👫मिथुन प्रयास सफल रहेंगे। पराक्रम वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। लाभ होगा।

🦀कर्क व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगा।अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। 🐅सिंह अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश मनोनकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। किसी कार्य के प्रति चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है।

🙍‍♀️कन्या दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। घर में अतिथियों का आगमन होगा। प्रसन्नता तथा उत्साह बने रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। आलस्य हावी रहेगा। प्रमाद न करें। विवेक का प्रयोग करें। ⚖️तुला यात्रा में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। हंसी-मजाक में हल्कापन न हो, ध्यान रखें। कीमती वस्तुएं इधर-उधर हो सकती हैं, संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

🦂वृश्चिक धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़े काम की रुकावट दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें।

🏹धनु नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। थकान रहेगी। किसी कार्य की चिंता रहेगी।

🐊मकर बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई बड़ा काम करने की इच्‍छा जागृत होगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। प्रमाद न करें।

🍯कुंभ स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य में राहत मिलेगी। चिंता दूर होगी। नौकरी में रुतबा बढ़ेगा।

🐟मीन धनहानि की आशंका है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है। व्यापार व व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*

*🌳 एक ही घड़ी मुहूर्त में जन्म लेने पर भी सबके कर्म और भाग्य अलग अलग क्यों ?

🌳* एक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों की सभा बुलाकर प्रश्न किया :- मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था मैं राजा बना, किन्तु उसी घड़ी मुहूर्त में अनेक जातकों ने जन्म लिया होगा जो राजा नहीं बन सके क्यों ..? इसका क्या कारण है ? राजा के इस प्रश्न से सब निरुत्तर हो गये .. अचानक एक वृद्ध खड़े हुये बोले – महाराज आपको यहाँ से कुछ दूर घने जंगल में एक महात्मा मिलेंगे उनसे आपको उत्तर मिल सकता है.. राजा ने घोर जंगल में जाकर देखा कि एक महात्मा आग के ढेर के पास बैठ कर अंगार ( गरमा गरम कोयला ) खाने में व्यस्त हैं.. राजा ने महात्मा से जैसे ही प्रश्न पूछा महात्मा ने क्रोधित होकर कहा “तेरे प्रश्न का उत्तर आगे पहाड़ियों के बीच एक और महात्मा हैं ,वे दे सकते हैं ।” *राजा की जिज्ञासा और बढ़ गयी, पहाड़ी मार्ग पार कर बड़ी कठिनाइयों से राजा दूसरे महात्मा के पास पहुंचा..* राजा हक्का बक्का रह गया, दृश्य ही कुछ ऐसा था, वे महात्मा अपना ही माँस चिमटे से नोच नोच कर खा रहे थे.. *राजा को महात्मा ने भी डांटते हुए कहा ” मैं भूख से बेचैन हूँ मेरे पास समय नहीं है…* आगे आदिवासी गाँव में एक बालक जन्म लेने वाला है ,जो कुछ ही देर तक जिन्दा रहेगा.. वह बालक तेरे प्रश्न का उत्तर दे सकता है.. *राजा बड़ा बेचैन हुआ, बड़ी अजब पहेली बन गया मेरा प्रश्न..* उत्सुकता प्रबल थी.. राजा पुनः कठिन मार्ग पार कर उस गाँव में पहुंचा.. गाँव में उस दंपति के घर पहुंचकर सारी बात कही.. *जैसे ही बच्चा पैदा हुआ दम्पत्ति ने नाल सहित बालक राजा के सम्मुख उपस्थित किया..* राजा को देखते ही बालक हँसते हुए बोलने लगा .. राजन् ! मेरे पास भी समय नहीं है, किन्तु अपना उत्तर सुन लो – तुम, मैं और दोनों महात्मा सात जन्म पहले चारों भाई राजकुमार थे.. *एक बार शिकार खेलते खेलते हम जंगल में तीन दिन तक भूखे प्यासे भटकते रहे ।* अचानक हम चारों भाइयों को आटे की एक पोटली मिली हमने उसकी चार बाटी सेंकी.. अपनी अपनी बाटी लेकर खाने बैठे ही थे कि भूख प्यास से तड़पते हुए एक महात्मा वहां आ गये.. अंगार खाने वाले भइया से उन्होंने कहा – “बेटा, मैं दस दिन से भूखा हूँ, अपनी बाटी में से मुझे भी कुछ दे दो, मुझ पर दया करो, जिससे मेरा भी जीवन बच जाय। इतना सुनते ही भइया गुस्से से भड़क उठे और बोले.. तुम्हें दे दूंगा तो मैं क्या खाऊंगा आग..? चलो भागो यहां से..। वे महात्मा फिर मांस खाने वाले भइया के निकट आये उनसे भी अपनी बात कही.. किन्तु उन भईया ने भी महात्मा से गुस्से में आकर कहा कि..बड़ी मुश्किल से प्राप्त ये बाटी तुम्हें दे दूंगा तो क्या मैं अपना मांस नोचकर खाऊंगा ? भूख से लाचार वे महात्मा मेरे पास भी आये.. मुझसे भी बाटी मांगी… किन्तु मैंने भी भूख में धैर्य खोकर कह दिया कि चलो आगे बढ़ो मैं क्या भूखा मरुँ …? अंतिम आशा लिये वो महात्मा, हे राजन !..आपके पास भी आये,/दया की याचना की.. दया करते हुये ख़ुशी से आपने अपनी बाटी में से आधी बाटी आदर सहित उन महात्मा को दे दी। बाटी पाकर महात्मा बड़े खुश हुए और बोले.. तुम्हारा भविष्य तुम्हारे कर्म और व्यवहार से फलेगा। बालक ने कहा “इस प्रकार उस घटना के आधार पर हम अपना अपना भोग, भोग रहे हैं और वो बालक मर गया। धरती पर एक समय में अनेकों फल-फूल खिलते हैं, किन्तु सबके रूप, गुण, आकार-प्रकार, स्वाद भिन्न होते हैं ..।
राजा ने माना कि शास्त्र भी तीन प्रकार के हॆ– ज्योतिष शास्त्र, कर्तव्य शास्त्र और व्यवहार शास्त्र जातक सब अपना किया, दिया, लिया ही पाते हैं। यही है जीवन

“गलत पासवर्ड से एक छोटा सा मोबाइल नही खुलता। तो सोचिये .. गलत कर्मो से स्वर्ग के दरवाजे कैसे खुलेंगे।

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